Vaastu Tips for Relationship

रिश्तों को मजबूत और सुखमय बनाने के लिए वास्तु शास्त्र के कुछ महत्वपूर्ण टिप्स हैं। इन वास्तु टिप्स का पालन करने से घर में प्रेम, सामंजस्य और सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है, जिससे रिश्तों में सुधार होता है और परिवार में खुशी का माहौल बना रहता है।

  • शयनकक्ष की दिशा: पति-पत्नी का शयनकक्ष दक्षिण-पश्चिम दिशा में होना चाहिए। इससे रिश्तों में स्थायित्व और स्थिरता बनी रहती है।
  • बेड की स्थिति: बिस्तर को दक्षिण या पश्चिम दीवार से सटाकर रखना चाहिए। बिस्तर का सिर दक्षिण दिशा में होना चाहिए और पैर उत्तर दिशा में। इससे रिश्तों में संतुलन और सामंजस्य बना रहता है।
  • रंगों का चयन: शयनकक्ष के लिए हल्के और सुखद रंगों का चयन करें, जैसे हल्का गुलाबी, हल्का नीला, या हल्का हरा। ये रंग शांति और प्रेम का संचार करते हैं।
  • शयनकक्ष में आईना: शयनकक्ष में आईना बिस्तर के सामने नहीं होना चाहिए। इससे रिश्तों में नकारात्मक ऊर्जा आ सकती है।
  • फूलों का उपयोग: घर में ताजे फूलों का उपयोग करें, विशेषकर शयनकक्ष में। इससे रिश्तों में ताजगी और खुशबू बनी रहती है।
  • अलमारी और फर्नीचर: शयनकक्ष में अलमारी या भारी फर्नीचर को दक्षिण-पश्चिम दिशा में रखें। इससे संबंध मजबूत होते हैं।
  • रिश्तों के प्रतीक: शयनकक्ष में प्रेम और संबंधों के प्रतीक जैसे युगल हंस, प्रेमी पक्षी या रोमांटिक चित्र लगाएं। इससे रिश्तों में प्रेम और सामंजस्य बढ़ता है।
  • ध्यान और योग: घर में उत्तर-पूर्व दिशा में ध्यान और योग का स्थान बनाएं। इससे मानसिक शांति मिलती है और रिश्तों में समझ और प्रेम बढ़ता है।
  • अव्यवस्था से बचें: घर और शयनकक्ष को अव्यवस्था से मुक्त रखें। अव्यवस्था नकारात्मक ऊर्जा का कारण बनती है, जो रिश्तों पर बुरा प्रभाव डाल सकती है।
  • प्राकृतिक रोशनी और वेंटिलेशन: घर में प्राकृतिक रोशनी और वेंटिलेशन का प्रबंध करें। इससे सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बना रहता है, जो रिश्तों को मजबूत बनाता है।

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